इलाहाबाद कुम्भ मेला : त्रिवेणी संगम पर ही क्यों स्नान पर्व?
इलाहाबाद में सिविल लाइंस से लगभग 7 किमी की दूरी पर स्थित है संगम तट। यहां पर गंगा, यमुना और सरस्वती नदी का संगम है, इसे त्रिवेणी संगम भी कहते हैं। यहीं कुम्भ मेला आयोजित किया जाता है जहां पर लोग स्नान करते हैं। इस पर्व को स्नान पर्व भी कहते हैं। यही स्थान तीर्थराज कहलाता है।
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गंगा और यमुना का उद्गम हिमालय से होता है जबकि सरस्वती का उद्गम अलौकिक माना जाता है। मान्यता है कि सरस्वती का उद्गम गंगा-यमुना के मिलन से हुआ है जबकि कुछ ग्रंथों में इसका उद्गम नदी के तल के नीचे से बताया गया है।
इस संगम स्थल पर ही अमृत की बूंदें गिरी थी इसीलिए यहां स्नान का महत्व है। त्रिवेणी संगम तट पर स्नान करने से शरीर और आत्मा शुद्ध हो जाती है। यहां पर लोग अपने पूर्वजों का पिंडदान भी करते हैं।
इलाहाबाद कुम्भ मेला 2013 : मुख्य स्नान तिथियां
जब सूर्य एवं चंद्र मकर राशि में होते हैं और अमावस्या होती है तथा मेष अथवा वृषभ के बृहस्पति होते हैं तो प्रयाग में कुम्भ महापर्व का योग होता है। मुख्य स्नान तिथियों पर सूर्योदय के समय रथ और हाथी पर संतों के रंगारंग जुलूस का भव्य आयोजन होता है। पवित्र गंगा नदी में संतों द्वारा डुबकी लगाई जाती है।
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विक्रम संवत् 2069 में प्रयागराज (इलाहाबाद) में पड़ने वाले महापर्व में निम्न शाही स्नान और सामान्य स्नान की तिथियां यहां प्रस्तुत हैं -
स्नान सूची पर्व नाम दिनांक वार स्नान महत्व
प्रथम स्नान मकर संक्रांति 14 जनवरी 2013 सोमवार शाही स्नान
द्वितिय स्नान पौष पूर्णिमा 27 जनवरी 2013 रविवार शाही स्नान
तृतीय स्नान एकादशी 6 फरवरी 2013 गुरुवार सामान्य स्नान
चतुर्थ स्नान मौनी अमावस्या 10 फरवरी 2013 रविवार शाही स्नान
पंचम स्नान बसंत पंचमी 15 फरवरी 2013 शुक्रवार शाही स्नान
छठवां स्नान रथ सप्तमी 17 फरवरी 2013 रविवार सामान्य स्नान
सप्तम स्नान भीष्म एकादशी 18 फरवरी 2013 सोमवार सामान्य स्नान
अष्टम स्नान माघी पूर्णिमा 25 फरवरी 2013 सोमवार शाही स्नान
नवम स्नान महाशिवरात्रि 10 मार्च 2013 रविवार सामान्य स्नान