गुरुवार, 6 अक्तूबर 2011

दुर्गा सप्तशती

दुर्गा सप्तशती इसे देवी महात्म्य के नाम से भी जाना जाता है। यह मार्कण्डेय पुराण का अंश है। इसमें ७०० श्लोक होने के कारण इसे 'सप्तशती' कहते हैं। इसमें सृष्टि की प्रतीकात्मक व्याख्या की गई है। जगत की सम्पूर्ण शक्तियों के दो रूप माने गये है - संचित और क्रियात्मक। दुर्गा नवरात्रि के दिनों में इसका पाठ किया जाता है 

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