गुरुवार, 29 सितंबर 2011

‘नवरात्रि' किसे कहते हैं ?

नव अर्थात ब्रह्मांडमें विद्यमान ईश्वरके प्रत्यक्ष कार्य करनेवाले आदिशक्तिस्वरूपका तत्त्व ,, स्थूल जगत्की दृष्टिसे रात्रिका अर्थ है, प्रत्यक्ष तेजतत्त्वात्मक प्रकाशका अभाव ,, तथा ब्रह्मांडकी दृष्टिसे रात्रिका अर्थ है, संपूर्ण ब्रह्मांडमें ईश्वरीय तेजका प्रक्षेपण करनेवाले मूल पुरुषतत्त्वका अकार्यरत होनेका कालावधि ,,,जिस कालावधिमें ब्रह्मांडमें शिवतत्त्वककी मात्रा, कार्य एवं उसकी कार्यमात्रा घटती है और उसके शिवतत्त्वके कार्यकारी स्वरूपकी अर्थात शक्तिकी मात्रा का कार्य एवं उसके कार्य की मात्रा अधिक होती है, उस कालावधिको ‘नवरात्रि' कहते हैं .,,,,,,,,,,,,

लेखक-संतोष तिवारी

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