गुरुवार, 19 जुलाई 2012

काशी


काशी संसार की सबसे पुरानी नगरी है। विश्व के सर्वाधिक प्राचीन ग्रंथ ऋग्वेद में काशी का उल्लेख मिलता है-काशिरित्ते.. आप इवकाशिनासंगृभीता:।पुराणों के अनुसार यह आद्य वैष्णव स्थान है। पहले यह भगवान विष्णु (माधव) की पुरी थी। जहां श्रीहरिके आनंदाश्रु गिरे थे, वहां बिंदुसरोवरबन गया और प्रभु यहां बिंधुमाधवके नाम से प्रतिष्ठित हुए। ऐसी एक कथा है कि जब भगवान शंकर ने कुद्ध होकर ब्रह्माजी का पांचवां सिर काट दि...या, तो वह उनके करतल से चिपक गया। बारह वर्षो तक अनेक तीर्थो में भ्रमण करने पर भी वह सिर उनसे अलग नहीं हुआ। किंतु जैसे ही उन्होंने काशी की सीमा में प्रवेश किया, ब्रह्महत्या ने उनका पीछा छोड दिया और वह कपाल भी अलग हो गया। जहां यह घटना घटी, वह स्थान कपालमोचन-तीर्थकहलाया। महादेव को काशी इतनी अच्छी लगी कि उन्होंने इस पावन पुरी को विष्णुजीसे अपने नित्य आवास के लिए मांग लिया। तब से काशी उनका निवास-स्थान बन गई। एक अन्य कथा के अनुसार महाराज सुदेव के पुत्र राजा दिवोदासने गंगातटपर वाराणसी नगर बसाया  था

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें